Jainam Jayatu Shashnam !
Saturday, March 5, 2011
मैं एक हूँ बस एक जग में
मैं एक हूँ बस एक जग में , हें अनेकों अन्य जन
छोड़ निज,पर में रमे क्यों , क्यों डोलता तेरा ये मन
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Parmatm Prakash Bharill
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