Jainam Jayatu Shashnam !
Thursday, April 26, 2012
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं
कल का दिन किसने देखा है , आज का दिन हम खोयें क्यों ।
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं , उन घड़ियों में रोयें क्यों ।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment