Sunday, October 9, 2011

जिनवाणी स्तुति



हे जीनवाणी माँ,हे जिनवाणी माँ ,अज्ञानता से हमे तार देना ।
मुनियो ने समझी गुणियों ने जानी,शास्त्रो की भाषा आगम की वाणी ।
हम भी तो जाने,हम भी तो समझे,विद्या का फल तो हमे माता तु देना ॥1

तु ज्ञानदायी हमे ज्ञान दे दे ,रत्नत्रयों का हमे दान दे दे ।
मन से हमारे मिटा दे अंधेरा,
हमको उजालो का शिव व्दार देना ॥2

तु मोक्षदायी है संगीत तुझमे,हर शब्द तेरा है हर भाव तुझमे ।
हम है अकेले,हम है अधुरे,तेरी शरण माँ,हमे तार देना ॥3

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